तेरे जाने के बाद दिल फिर - Elegy Poem (शोककाव्य) 


तेरे जाने के बाद दिल फिर - Elegy Poem (शोककाव्य)



तेरे जाने के बाद दिल फिर उन्हीं रास्तों पर निकल गया है
बहुत कुछ वही है, बहुत कुछ बदल गया है
वही समंदर, वही समंदर का किनारा
और किनारे पर वही दरख़्त खड़े हैं
इन सबसे बढ़ कर रेत पर तेरे कदमों के निशान हैं
जिन पर आज भी किसी और के पैर नहीं पड़े हैं
तेरे जाने के बाद दिल फिर उन्हीं रास्तों पे निकल गया है


                                                                              *** मासूम शायर ***


Tere jaane ke baad dil phir यह शोककाव्य में कवी मासूम शायर ने बहुत ही सरल तरीके से शोक प्रगट किया है. इस कविता में दर्द भरी भावना महसूस होती है.