पति और पत्नी की हास्य कविता
👨🏻हमने अपनी पत्नी से कहा
'तुलसीदास जी ने कहा है-
ढोल, गंवार, शूद्र, पशु, नारी
ये सब ताड़न के अधिकारी
-इसका अर्थ समझती हो
या समझाएं?'
👩🏻पत्नी बोली-
'इसका अर्थ तो बिल्कुल ही साफ है
इसमें एक जगह मैं हूं
चार जगह आप हैं।'
पत्नी जी...
'पत्नी जी!
मेरो इरादो बिल्कुल ही नेक है
तू सैकड़ा में एक है।'
वा बोली-
'बेवकूफ मन्ना बणाओ
बाकी निन्याणबैं कूण-सी हैं
या बताओ।'
घराली बोली- एजी...
घराली बोली-
'एजी!
ऊपर की बर्थ पे कैंया जाऊं
डर लागै है, गिर जाऊंगी।'
मैं बोल्यो- 'री भागवान!
थै ऊपर नै तो जाओ,
थारे जाते ही
बर्थ नीचै आ जावेगी।' 😁😁
*** सुरेंद्र शर्मा ***
1 Comments
So Funny Poem
ReplyDelete